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Diljit Dosanjh Indore Concert मे क्यों गूंजी Rahat Indori की पंक्तियां: ‘किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है
Diljit Dosanjh Indore Concert
पंजाबी सिंगर और सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ का नाम जहां एक ओर उनकी शानदार परफॉर्मेंस और गानों के लिए लिया जाता है, वहीं दूसरी ओर वे बेबाक अंदाज और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार रखने के लिए भी जाने जाते हैं।
हाल ही में, दिलजीत ने मध्य प्रदेश के इंदौर में अपने लाइव कॉन्सर्ट के दौरान विरोधियों को राहत इंदौरी की मशहूर पंक्तियों के जरिए ऐसा करारा जवाब दिया कि हर तरफ उनकी चर्चा हो रही है।
Diljit Dosanjh Indore Concert क्या है विवाद ?
रविवार की रात इंदौर के हजारों संगीत प्रेमियों के लिए यादगार बन गई, जब दिलजीत दोसांझ ने अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस से मंच पर आग लगा दी। लेकिन यह शो केवल म्यूजिक तक सीमित नहीं रहा। कार्यक्रम से पहले बजरंग दल के सदस्यों ने इस इवेंट का विरोध किया। उनकी आपत्ति थी कि कॉन्सर्ट में शराब और मांस की बिक्री की जा रही है, जो उनकी मान्यताओं के खिलाफ है। इस विरोध के चलते स्थानीय पुलिस और प्रशासन को भी सतर्क रहना पड़ा।
दिलजीत का बेबाक जवाब
इंदौर के मशहूर शायर राहत इंदौरी की जन्मभूमि पर परफॉर्म करते हुए दिलजीत ने विरोधियों को बेहतरीन अंदाज में जवाब दिया। अपने शो के दौरान, उन्होंने राहत इंदौरी की मशहूर पंक्तियां उद्धृत करते हुए कहा:
“सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।”
इस बयान के साथ उन्होंने यह संदेश दिया कि भारत सबका है और किसी एक समुदाय, विचारधारा या संगठन की निजी संपत्ति नहीं है।
‘अगर खिलाफ है होने दो’ – दर्शकों में भरा जोश
दिलजीत ने अपनी परफॉर्मेंस के बीच राहत इंदौरी के एक और शेर, “अगर खिलाफ है होने दो, जान थोड़ी है” का जिक्र किया। उनकी यह दहाड़ सुनकर दर्शकों की भीड़ जोश से भर गई। इस दौरान पूरे स्टेडियम में तालियों और हूटिंग की गूंज सुनाई दी।
बजरंग दल का विरोध और प्रशासन की तैयारी
कॉन्सर्ट से पहले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। उनकी मांग थी कि इवेंट में शराब और मांस की बिक्री पर रोक लगाई जाए। कार्यकर्ताओं ने इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, जिससे कार्यक्रम सुचारु रूप से संपन्न हो सका।
दिलजीत का बेबाक अंदाज – यह पहली बार नहीं है जब दिलजीत दोसांझ किसी विवाद के केंद्र में आए हों। इससे पहले उनके हैदराबाद कॉन्सर्ट में भी विवाद खड़ा हुआ था, जब तेलंगाना सरकार ने उनके गानों में शराब का जिक्र करने पर रोक लगा दी थी। तब दिलजीत ने गाने के बोल बदलते हुए कहा था कि यदि सरकार को इतनी आपत्ति है, तो देश में शराब की बिक्री पर ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
दिलजीत की कला और समाज के प्रति संदेश
दिलजीत दोसांझ का यह अंदाज न केवल उनके प्रशंसकों को पसंद आया, बल्कि यह भी दिखाता है कि वह केवल एक गायक और अभिनेता नहीं हैं, बल्कि एक संवेदनशील कलाकार हैं जो सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी बात कहने से पीछे नहीं हटते।