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TULSI GABBARD USA में जासूसी की कमान संभालेंगी HINDU सांसद
TULSI GABBARD USA
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश की खुफिया एजेंसी की सर्वोच्च जिम्मेदारी के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला लिया है। ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को ‘डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस’ (DNI) के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है।
तुलसी गबार्ड न केवल चार बार सांसद रह चुकी हैं, बल्कि वह अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद भी हैं। उन्होंने हमेशा से ही हिंदू अल्पसंख्यकों और अन्य समुदायों के अधिकारों की पुरजोर वकालत की है।
गबार्ड हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी को अलविदा कहकर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हुई थीं। इसके बाद से ही उनका राजनीतिक कद तेजी से बढ़ा है। ट्रंप ने इस फैसले को अपने प्रशासन की एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, “तुलसी ने न केवल अमेरिकी सेना में अपने साहस का परिचय दिया है, बल्कि राजनीतिक क्षेत्र में भी अपनी छाप छोड़ी है।”
TULSI GABBARD USA तुलसी गबार्ड कौन हैं?
तुलसी गबार्ड अमेरिका में जन्मीं पहली हिंदू महिला हैं, जिन्होंने अमेरिकी राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल किया है। उनकी मां ने उन्हें हिंदू संस्कृति के अनुरूप पाला और वह एक आजीवन शाकाहारी हैं। खास बात यह है कि तुलसी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के दौरान भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी।
तुलसी गबार्ड का राजनीतिक और सैन्य अनुभव व्यापक है। पश्चिम एशिया और अफ्रीका के संघर्ष क्षेत्रों में उनकी तैनाती के अनुभव ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहरी समझ दी है। उन्होंने 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की दावेदारी भी पेश की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर रिपब्लिकन पार्टी का दामन थाम लिया।
हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ बुलंद की आवाज
तुलसी गबार्ड ने कई मौकों पर पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। साल 2021 में उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया।
गबार्ड ने अपने प्रस्ताव में 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अत्याचारों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “50 साल पहले पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश में हजारों बंगाली हिंदुओं का कत्ल किया, उन्हें प्रताड़ित किया और उनके घरों से बेदखल कर दिया।”
उन्होंने यह भी जोर दिया कि पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल आज भी आतंकवादी गतिविधियों के लिए हो रहा है, जो न केवल दक्षिण एशिया बल्कि पूरे विश्व की शांति के लिए खतरा है।
ट्रंप का बड़ा दांव
डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को DNI नियुक्त करते हुए कहा, “तुलसी के पास अमेरिका और दुनिया के सबसे जटिल सुरक्षा मुद्दों को संभालने की क्षमता है। उनकी नियुक्ति से अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को एक नई दिशा मिलेगी।”
DNI के रूप में तुलसी गबार्ड का कार्यकाल अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद अहम होने वाला है। खुफिया एजेंसी का नेतृत्व करते हुए गबार्ड का मुख्य फोकस देश की सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला और वैश्विक खुफिया सहयोग को मजबूत करना होगा।
राजनीतिक कद और वैश्विक प्रभाव
तुलसी गबार्ड की यह नियुक्ति न केवल अमेरिकी राजनीति में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गई है। हिंदू मूल्यों और धार्मिक सहिष्णुता की समर्थक गबार्ड ने हमेशा से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा को प्राथमिकता दी है। उनकी यह नई भूमिका उन्हें एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित कर सकती है।
तुलसी गबार्ड की नियुक्ति ने अमेरिका में हिंदू समुदाय और अल्पसंख्यकों के लिए एक नया इतिहास रच दिया है। उनके नेतृत्व में अमेरिका की खुफिया एजेंसियां कैसे काम करेंगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन एक बात निश्चित है कि तुलसी का यह सफर न केवल उनके लिए बल्कि विश्व राजनीति के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।