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Hezbollah vs Mossad: क्यों बम की तरह फटे पेजर! वजह जानकर आप रह जायेंगेसन्न

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लेबनान में हिजबुल्लाह के सदस्यों के लिए एक खौफनाक दिन साबित हुआ मंगलवार जब उनके संचार साधन, यानी पेजर, अचानक बम की तरह फटने लगे। ये पेजर कुछ लोगों की जेबों में तो कुछ के हाथों में थे,

जो विस्फोट के बाद खून-खराबे का कारण बन गए। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हो गए। हिजबुल्लाह ने इस खतरनाक घटना के पीछे इजरायल का हाथ बताया है और आरोप लगाया है कि इजरायल की खुफिया एजेंसियों ने पेजरों को विस्फोटक उपकरणों में तब्दील कर दिया।

इजरायल पर आरोप: हिजबुल्लाह का बयान हिजबुल्लाह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि इस घटना के लिए सीधे तौर पर इजरायल जिम्मेदार है। ये पेजर जो हिजबुल्लाह के संचार के लिए उपयोग में थे, उन्हें इजरायली एजेंसियों ने पहले से ही विस्फोटक में बदल दिया था। अधिकारी ने कहा, “हमारा मानना है कि यह इजरायल की खुफिया एजेंसियों का एक सुनियोजित हमला था, जिसका उद्देश्य हमारे संगठन के सदस्यों को नुकसान पहुंचाना था।”

पेजर के अंदर लिथियम बैटरी का इस्तेमाल

रिपोर्ट्स के अनुसार, हिजबुल्लाह के जिन सदस्यों के पास ये पेजर थे, उनमें लिथियम बैटरी लगी हुई थी। लिथियम बैटरी की खासियत यह है कि जब यह अत्यधिक गर्म हो जाती है तो इससे धुआं निकलता है,

पिघलने की संभावना बढ़ जाती है, और आग भी लग सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि पेजर में लगी बैटरियों के बगल में विस्फोटक सामग्री को स्थापित किया गया था, जो पेजर के संदेश प्राप्त करते ही सक्रिय हो गई।

क्यों हिजबुल्लाह कर रहा था पेजर का इस्तेमाल?

हिजबुल्लाह ने मोबाइल फोन की बजाए पेजर का उपयोग करने का निर्णय लिया था ताकि इजरायली खुफिया एजेंसियों से बचा जा सके। उन्हें डर था कि मोबाइल फोन के जरिए उनका स्थान आसानी से ट्रैक किया जा सकता है और वे इजरायली हमलों के निशाने पर आ सकते हैं। इसीलिए, पेजर को एक सुरक्षित विकल्प माना गया था,

क्योंकि इसका इस्तेमाल 90 के दशक में भारत और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में संदेश भेजने के लिए किया जाता था।

पेजर एक छोटा सा उपकरण होता है जो एसएमएस की तरह संदेश भेजने के लिए उपयोग में लाया जाता है। जब पेजर पर कोई संदेश आता है तो उसमें लगी लाइट ब्लिंक होती है, जिससे उपयोगकर्ता को नए संदेश की जानकारी मिलती है।

कैसे हुआ यह विस्फोट?

रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल और मई के महीनों में इन पेजरों को ताइवान से लेबनान भेजा गया था। माना जा रहा है कि इन पेजरों को विस्फोटक उपकरणों में तब्दील करने की तैयारी कई महीनों पहले से ही की जा रही थी।

पेजर में करीब 3 ग्राम विस्फोटक सामग्री लगी हुई थी, जिसे बैटरी के बगल में रखा गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर में इन पेजरों पर एक विशेष संदेश आया, जिसने विस्फोटक सामग्री को सक्रिय कर दिया और विस्फोट हो गया।

पेजर विस्फोट के खतरनाक परिणाम

इस तरह के पेजर विस्फोट के परिणाम अत्यंत खतरनाक होते हैं। सबसे बड़ा खतरा यह होता है कि इसका पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। पेजर जैसे छोटे उपकरण के अंदर विस्फोटक सामग्री को छिपा दिया जाता है,

जिससे इसे पहचान पाना लगभग असंभव हो जाता है। मेटल डिटेक्टर से भी इस विस्फोटक का पता नहीं चलता। दूसरा खतरा यह है कि इसे अनजाने में सक्रिय किया जा सकता है। यदि किसी को पता नहीं है कि पेजर में विस्फोटक लगा है, तो वह इसे सक्रिय कर सकता है, जिससे गंभीर नुकसान हो सकता है।

पेजर बम का उपयोग: कैसे और क्यों?

पेजर बम का उपयोग टारगेट किलिंग और बड़े पैमाने पर विनाश के लिए किया जा सकता है। यह एक घातक हथियार बन सकता है, क्योंकि जिस व्यक्ति को निशाना बनाया जाता है, उसे पहले से यह जानकारी नहीं होती कि उसके पास कोई खतरनाक उपकरण है। इसके अलावा,

कई पेजर बमों को एक साथ उपयोग कर एक पूरी इमारत को भी नष्ट किया जा सकता है।

पेजर के अंदर एक छोटा विस्फोटक रखा जाता है, जिसे दूर से रेडियो सिग्नल के जरिए सक्रिय किया जा सकता है। एक बार जब विस्फोटक सामग्री सक्रिय हो जाती है,

तो यह एक शक्तिशाली विस्फोट करती है, जिससे पेजर और उसके आसपास की वस्तुएं नष्ट हो जाती हैं।

क्या इस तरह के हमले रोके जा सकते हैं?

इस तरह के हमलों से बचने के लिए बेहद सतर्कता की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, संचार उपकरणों की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर ध्यान दिया जाना चाहिए। अगर ऐसे उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, तो उन्हें पहले से अच्छी तरह जांचा-परखा जाना चाहिए। साथ ही, अगर संभव हो तो ऐसे तकनीकी उपकरणों की निगरानी करनी चाहिए, जो खतरे का कारण बन सकते हैं।

सामान्य तौर पर पेजर जैसे पुराने संचार उपकरणों का उपयोग कम हो चुका है, लेकिन अगर इन्हें खुफिया हमलों के लिए तैयार किया जा रहा है, तो इससे बचने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को नए तरीके अपनाने होंगे।

हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच तनाव

यह हमला हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच के तनाव को और बढ़ा सकता है। हिजबुल्लाह ने इस विस्फोट के लिए सीधे तौर पर इजरायल को दोषी ठहराया है। हालांकि, इजरायल की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। दोनों पक्षों के बीच कई दशकों से संघर्ष चल रहा है, जिसमें समय-समय पर इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं।

लेबनान में हुए इस पेजर विस्फोट ने एक बार फिर से सुरक्षा और तकनीकी उपकरणों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल हिजबुल्लाह के सदस्यों के लिए बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों के लिए भी एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है। इस घटना के बाद से सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्क रहना होगा ताकि इस तरह के हमलों को रोका जा सके और निर्दोष लोगों की जान बचाई जा सके।

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