स्वास्थ्य
Mpox: का नया स्ट्रेन Clade 1b: India स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट
हाल ही में भारत में मंकीपॉक्स (Mpox) के Clade 1b स्ट्रेन का पहला मामला सामने आया है। यह मामला केरल के एक 38 वर्षीय व्यक्ति का है, जो हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से लौटा था।
इस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए जाने पर उसके सैंपल को जांच के लिए भेजा गया, जिसके बाद Clade 1b स्ट्रेन की पुष्टि की गई। यह वही स्ट्रेन है, जो अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी से वृद्धि के लिए जिम्मेदार रहा है। इस गंभीर स्थिति के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था।
इसके अलावा, दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में हिसार, हरियाणा के 26 वर्षीय एक युवक में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी, जिसके सैंपल में Clade 2 स्ट्रेन पाया गया। दोनों मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने तत्काल स्थिति का संज्ञान लिया और सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए।
Clade 1b और Clade 2 स्ट्रेन: क्या है अंतर? मंकीपॉक्स वायरस कई अलग-अलग क्लेड्स (Clades) में बंटा होता है, जिनमें से Clade 1b और Clade 2 प्रमुख हैं। Clade 1b स्ट्रेन खासतौर से अफ्रीकी देशों में पाया गया है,
जहां इसके कारण मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई। Clade 1b की मृत्यु दर लगभग 3 प्रतिशत आंकी गई है, जो इसे अधिक घातक बनाता है। वहीं, Clade 2 स्ट्रेन का मामला पहले सामने आ चुका है, जिसका मृत्यु दर 0.1 प्रतिशत था। Clade 2 स्ट्रेन की तुलना में Clade 1b स्ट्रेन अधिक गंभीर और खतरनाक माना जा रहा है।
अभी तक भारत में मंकीपॉक्स के केवल दो मामलों की पुष्टि हुई है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय इस स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है। केरल के संक्रमित युवक की हालत स्थिर है, जबकि दिल्ली में भर्ती हिसार का मरीज भी अब ठीक हो चुका है।
अफ्रीका में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामले
मंकीपॉक्स का Clade 1b स्ट्रेन विशेष रूप से अफ्रीका के कई देशों में फैला हुआ है। वहां इसके तेजी से फैलने के कारण इस वायरस ने बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित किया है। 2022 में Clade 2 स्ट्रेन के चलते WHO ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। Clade 2 की मृत्यु दर 0.1 प्रतिशत आंकी गई थी, जबकि Clade 1b के लिए यह दर 3 प्रतिशत तक हो सकती है, जो इसे कहीं अधिक घातक बनाता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण और सावधानियां
मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स की तरह ही ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन द्वारा फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क, यौन संपर्क, घाव के तरल पदार्थ के सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़े, चादर या अन्य वस्तुओं का इस्तेमाल करने से यह बीमारी फैल सकती है। हालांकि, यह वायरस कोविड-19 की तरह हवा के माध्यम से नहीं फैलता है, इसलिए इसके फैलने की दर कोविड-19 की तुलना में कम होती है।
मंकीपॉक्स के प्रमुख लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, थकान, लिम्फ नोड्स में सूजन, और शरीर पर चकत्ते या दाने शामिल होते हैं। शरीर पर यह दाने सबसे पहले चेहरे पर उभरते हैं और फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलते हैं। यह दाने या चकत्ते धीरे-धीरे पस भरने वाले फोड़े में बदल सकते हैं, जो बहुत दर्दनाक हो सकते हैं।
बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा परामर्श लेना और स्वयं को अलग रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि अन्य लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। मंत्रालय के अनुसार, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए। साथ ही, संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क या शरीर के घाव से तरल पदार्थ के सीधे संपर्क से बचने की सलाह दी गई है।
मंत्रालय ने विशेष रूप से बताया है कि मंकीपॉक्स का संक्रमण कोविड-19 की तरह हवा से नहीं फैलता, लेकिन सावधानी बरतना आवश्यक है, क्योंकि यह वायरस व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, चादर, या अन्य वस्त्र भी संक्रमण का कारण बन सकते हैं, इसलिए इन्हें सही तरीके से अलग करना और साफ करना आवश्यक है।
भारत में मंकीपॉक्स के मामले
भारत में मई 2022 तक मंकीपॉक्स के कुल 30 मामले सामने आए थे, जिनमें से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी। हालांकि, वर्तमान में दो नए मामलों की पुष्टि हुई है—केरल और दिल्ली में। केरल का मामला Clade 1b स्ट्रेन का है, जबकि दिल्ली का मामला Clade 2 स्ट्रेन का है। केरल का मरीज वर्तमान में स्थिर है और अस्पताल में उचित इलाज किया जा रहा है।
देशभर में स्वास्थ्य संस्थान सतर्क हैं और राज्य सरकारें भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
भविष्य की चुनौतियाँ मंकीपॉक्स का नया Clade 1b स्ट्रेन भारत में सामने आने के बाद अब इस वायरस के नियंत्रण और संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को और अधिक सतर्कता बरतनी होगी। हालांकि, अभी तक भारत में मंकीपॉक्स के मामलों की संख्या बहुत अधिक नहीं है, फिर भी यह वायरस तेजी से फैल सकता है, खासतौर से तब, जब संक्रमित व्यक्ति
साथ ही, संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क या शरीर के घाव से तरल पदार्थ के सीधे संपर्क से बचने की सलाह दी गई है।
मंत्रालय ने विशेष रूप से बताया है कि मंकीपॉक्स का संक्रमण कोविड-19 की तरह हवा से नहीं फैलता, लेकिन सावधानी बरतना आवश्यक है, क्योंकि यह वायरस व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, चादर, या अन्य वस्त्र भी संक्रमण का कारण बन सकते हैं, इसलिए इन्हें सही तरीके से अलग करना और साफ करना आवश्यक है।
भारत में मंकीपॉक्स के मामले
भारत में मई 2022 तक मंकीपॉक्स के कुल 30 मामले सामने आए थे, जिनमें से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी। हालांकि, वर्तमान में दो नए मामलों की पुष्टि हुई है—केरल और दिल्ली में। केरल का मामला Clade 1b स्ट्रेन का है, जबकि दिल्ली का मामला Clade 2 स्ट्रेन का है। केरल का मरीज वर्तमान में स्थिर है और अस्पताल में उचित इलाज किया जा रहा है।
देशभर में स्वास्थ्य संस्थान सतर्क हैं और राज्य सरकारें भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
भविष्य की चुनौतियाँ
मंकीपॉक्स का नया Clade 1b स्ट्रेन भारत में सामने आने के बाद अब इस वायरस के नियंत्रण और संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को और अधिक सतर्कता बरतनी होगी। हालांकि, अभी तक भारत में मंकीपॉक्स के मामलों की संख्या बहुत अधिक नहीं है, फिर भी यह वायरस तेजी से फैल सकता है, खासतौर से तब, जब संक्रमित व्यक्ति का अन्य लोगों से घनिष्ठ संपर्क हो।
इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लोगों को सतर्क रहना होगा, उचित साफ-सफाई का पालन करना होगा और संक्रमित व्यक्ति से संपर्क से बचना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अंततः, मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए वैक्सीन और अन्य उपायों पर तेजी से काम करने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य संबंधित एजेंसियाँ इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं।